रिपोर्ट- अविनाश मंडल
पाकुड़/पाकुड़ आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रम में जिस मकसद से शुरू किया गया था, उसमेँ यह कितना प्रभावी, कारगर और सफल साबित रहा है , इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के कई राज्य झारखंड के इस मॉडल को अपनाकर गरीबों और जरूरतमंदों को लाभ दे रहे हैं । उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पाकुड़ में आयोजित “आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार” अभियान के तीसरे चरण के कार्यक्रम में बाजार समिति में उमड़े जन सैलाब को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा- इस अभियान के पिछले दो चरणों में सरकार की आवाज और नज़रें गांव-गांव तक पहुंची हैं। लाखों लोगों का रिस्पांस और सपोर्ट मिला था ।कहा कि झारखंड अलग राज्य गठन के बाद पिछले दो दशकों के दौरान जन समस्याओं और लोगों की परेशानियों से जूझ रहे थे। हमारी सरकार लोगों तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने के साथ उनकी समस्याओं का समाधान कर रही है।
उम्मीदों और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य योजना बनाकर उसे धरातल पर उतार रही है। आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर, विद्यार्थी, युवा, महिला, बुजुर्ग, हर वर्ग के कल्याणार्थ योजनाएं बनाई गई हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मियों का काम जनता की सेवा करना है।
हमारी सरकार बनने के बाद अधिकारियों की सोच में बदलाव आया है। वे गांव-गांव पहुंच रहे हैं और आपके बीच रहकर पूरी संवेदनशीलता के साथ आपकी समस्याओं को सुन रहे हैं तथा उसका समाधान भी कर रहे हैं। अधिकारी योजनाओं की गठरी लेकर पहुंच रहे हैं और शिविरों में अधिकारियों का दल आपकी हर समस्या के समाधान के लिए मौजूद हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार आदिवासी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की सरकार है।
गरीबों के हर सुख -दु:ख में उनके साथ खड़ी है।अपने बलबूते अबुआ आवास योजना के तहत 8 लाख परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर आवास उपलब्ध कराया जाएगा। लगभग 20 लाख अतिरिक्त हरा राशन कार्ड जारी कर उन्हें अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है ।मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बुजुर्गों को पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था ।
विधवाओं की उम्र 40 वर्ष और दिव्यांगों की उम्र 18 वर्ष से अधिक नहीं हो जाती थी, उन्हें पेंशन योजना से नहीं जोड़ा जाता था। लेकिन, हमारी सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लागू कर इन सारी बाध्यताओं को खत्म कर दिया है । आज सभी योग्य पात्रों को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का लाभ लाभ मिल रहा है।क्वालिटी एजुकेशन और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने पर सरकार का विशेष फोकस है। निजी विद्यालयों के तर्ज पर सरकारी विद्यालयों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गए हैं ।
आदर्श विद्यालयों के गठन के साथ सरकारी विद्यालयों को पठन- पाठन से संबंधित संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं । छात्रावासों का जीर्णोद्धार हो रहा है । इसके अलावा विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर मेडिकल इंजीनियरिंग और अन्य कोर्सेज करने के लिए आर्थिक सहायता सरकार दे रही है। वहीं, दूसरी तरफ पढ़े-लिखे और कम पढ़े लिखे एवं स्वरोजगार के इच्छुक नौजवानों के रोजगार के लिए भी सरकार की कार्य योजना है ।
बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी दी जा रही है। इस अवसर पर 66 करोड़ 76 लाख 20 हज़ार रुपए की लागत से निर्मित 21 योजनाओं का उद्घाटन किया गया।97 योजनाओं की आधारशिला रखी गई । 153 करोड़ 81 लाख रुपए की 118 योजनाओं का तोहफा पाकुड़ वासियों को मिला। 9942 लाभुकों के बीच 126 करोड़ 94 लाख 50 हज़ार रुपए की परिसंपत्ति प्रदान कर उनके सशक्तिकरण और स्वावलंबी बनने का राह प्रशस्त किया गया।
मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद विजय हांसदा, विधायक स्टीफन मरांडी और दिनेश विलियम मरांडी, जिला परिषद अध्यक्षा जूली ख्रिस्टमनी हेम्ब्रम, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे , संथाल परगना प्रमंडल के आयुक्त लालचंद दादेल, पुलिस उप महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल और पाकुड़ जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।